ADITYA HRIDAYA STOTRA


जीवन की समस्याओं से लड़ने में आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ देगा लाभ 



जीवन में हर तरह के उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं लेकिन कई बार समस्याएं लंबे समय तक जीवन में चलती रहती हैं। जीवन की इन समस्याओं से लड़ने में आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ देगा लाभ।
आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ श्रद्धापूर्वक नियमित रूप से करते रहने से नौकरी में पदोन्नति,
धन की प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास में वृद्धि मिलती है तथा साथ-साथ समस्त कार्याें मे  सफलता
व सिद्धि मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके पाठ से हृदय रोग में आशातीत लाभ मिलता है।
आदित्य हृदय स्त्रोत के पाठ से मिर्गी, ब्लडप्रेशर मानसिक रोगों में सुधार होने लगता है।
इसका पाठ आरम्भ करने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार का दिन शुभ माना गया है।
इसके बाद आने वाले प्रत्येक रविवार को यह पाठ करते रहना चाहिए। इस दिन सूर्य देवता की धूप,
दीप, लाल चंदन, लाल कनेर के पुष्प, घृत आदि से पूजन करके उपवास रखना चाहिए। सायंकाल आटे से बने मीठे हलवे का प्रसाद लगाकर उसे ग्रहण करना चाहिए। सूर्य देव के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव और विश्वास के साथ नियमपूर्वक उनकी उपासना व आराधना करते रहने से लाभदायक फल मिलने लगते हैं।
शास्त्रों के अनुसार सच्ची श्रद्धा से किया गया कोई भी जप-पत कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है।

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