CARDIAC ARREST ( हृदय गति रुकना)

CARDIAC ARREST ( हृदय गति रुकना)
दिल की ढंकन का अचानक थम जाना सडन कार्डिएक अरेस्ट यह एकदम, बिना किसी संकेत के होता है। इसमें रक्त का प्रवाह मस्तिष्क और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगो में रुक जाता है। लोगों को राजरुक कर इनमें से ज्यादातर मौतों को रोका जा सकता है।
               सडन कार्डिएक अरेस्ट को लोग दिल का दौरा या हार्ट अटैक समझने की गलती कर देते हैं लेकिन यह अलग है।
इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो आधे घंटे के अंदर पीड़ित व्यक्ति की जान जा सकती है। इसमें ब्लड प्रेसर कम होने से भी हार्ट बीट कम हो जाती है। इलाज में शॉक ट्रीटमेंट दी जाती है , जिसे कार्डियोवर्जन कहते हैं।
हार्ट बीट स्लो होने से तुरंत मरीज को पेसमेकर लगाया जाए , तो भी जान बच सकती है।
संकेत :

  • मरीज का कुछ ही सेकंड में भावशून्य हो जाना। 
  • सांस की तकलीफ, हांफना। 
  • नाड़ी की गति महसूस ना होना। 
  • दिल की धड़कन का अचानक तेज या धीमा होना
  • रोगी बेहोश हो जायेगा। 
ह्रदय के स्वास्थ्य की अनदेखी करना भी सडन कार्डिएक अरेस्ट  की आशंका में वृद्धि करता है। 
हार्ट ब्लडप्रेसर, मधुमेह और मोटापा जैसी अन्य स्थितियों को रोकना या नियंत्रित करना जरूरी है। 
समय -समय पर ईसीजी चांच करके कार्डिएक इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिस्ट कुछ कारण जैसे अनियमित दिल की धड़कन और कार्डियोवस्कुलर की समस्याओं का पता लगा सकतें हैं।  
अचानक कार्डिएक अरेस्ट से बचाने के लिए संदिग्ध रोगी में एक प्रत्यारोपण योग्य कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर लगाया जा सकता है। 










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