चलना जीवन का नाम चलते रहो सुबह-श्याम (Keep walking the name of life morning and evening)


बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलिए। 


रोजाना चलने से
30 % ब्रेन स्ट्रोक
27 % ह्रदय रोग
32 % अल्जाइमर का खतरा कम होता है
और
53 % कोलन कैंसर
35 % प्रोस्टेट कैंसर
53 % गर्भाशय कैंसर की संभावना काफी कम हो जाती है।

चलना ही जिंदगी (सेहत) है 

कम मेहनत और अधिक आराम हमारी आदत बन चुका है। 
हम विश्व इतिहास की सबसे कम चलने वाली पीढ़ी हैं। 
इस रिकार्ड को यहीं रोक दें और चलना शुरू करें। 

मानव के लिए शुरूआती दौर से ही पैदल चलना एक अनिवार्य काम था।  चलना, दौड़ना या जानवरों से जान बचाकर भागना।  यह सब पाषाण युग से लेकर कृषि युग तक चलता रहा  औद्योगिक क्रांति और फिर संचार क्रांति ने सब कुछ पलट दिया। दुनिया पूरी तरह से बदल गई।  हम सबने न चलने और कम से कम मेहनत  को अपनी सफलता का पैमाना बना लिया । कुर्शियों की दौड़ शुरू हुई और सोफे संस्कृति का विकास हुआ। इन सबने हमारे शरीर को आलसी बना दिया। 

हम व्यायाम से दूर होते चले जा रहे हैं विश्व की तगभग 90 % आबादी व्यायाम नहीं करती।  चिकित्सकों के पास लगी लाइन आधी हो सकती है अगर लोग आधा घंटा रोज चलना शुरू कर दें तो। 

मॉर्निंग वॉक अच्छी सेहत की संजीवनी है यह कहा जाना गलत नहीं है। मॉर्निंग वॉक फिट रहने का बहुत सरल और सुविधाजनक तरीका है।

मॉर्निंग वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप सेहतमंद व स्वस्थ रह सकते हैं। सुबह की स्वच्छ हवा में सैर शरीर को प्रचुर मात्रा में ऑक्सींजन मिलती है।

अगर कोई व्यक्ति रोज सुबह आधा घंटा सैर करते तो हार्ट अटैक होने के चांस घट जाते हैं और दिल से सम्बंधित कई समस्याएं तो स्वयं खत्म हो जाती है। 

रोजाना चलने से कई रोगियों ने अपने स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक बदलाव महसूस किया। सेहत को लेकर हर सस्कृति बहुत सजग रही है और चलने का सभी ने गुणगान किया है। जब हम चलते है तो कोशिकाओं में गति होने लगती है।  मांसपेशियों में गति होती है, वे लचीली बन जाती है, उनमे रक्त प्रवाह बढ़ता है जो की विषैले पदार्थों को उनमे से निकालकर ले जाता है।  जोड़ स्वस्थ होते हैं ।

आनंद देने वाले रसायन सेरेटोनिन का स्ट्रॉ बढ़ता है जिससे हम खुश रहने लगते हैं, हमारा तनाव दूर होता है, हम अवसाद से मुक्त होने लगते हैं।  तनाव, चिंता और अवसाद से ग्रसित हैं तो बगीचे में पैदल चलिए। 


चलने या वर्कआउट करने से आंतो में गति होने लगती है जिससे हम  कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से मुक्त होने लगते हैं।  रोजाना वर्कआउट करने या चलने वाले अनिद्रा के रोगियों में यह समस्या 50 %  कम हो जाती है। साथ ही दिल, किडनी और दिमाग स्वस्थ रहते हैं।  नसों में बन चुके ब्लॉक हटते हैं , पथरी घुलती है। 


सुबह सैर करने से ब्लड प्रेशर नार्मल होता है। ये हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और बढ़े हुए कोलस्ट्रोल को भी कम करने में मदद करता है।

सुबह दौड़ने से शुगर कंट्रोल होता है और कैलोरी की मात्रा कम होती है, सुबह टहलने से शुगर (डाईबिटीज) की बीमारी से बचा जा सकता है।


जिन्हें चक्कर आते हो उन्हें छोड़कर सभी को चलना चाहिए।  

डॉक्टर की सलाह के अनुसार हृदय रोगी, हाई बीपी और कोई अन्य समस्या वाले लोगों को वॉक शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

हर किसी को अपनी आयु एवं क्षमता के अनुसार ही वॉक करनी चाहिए।

वॉक धीरे-धीरे शुरू करें, ये न हो की तेजी से वॉक शुरू करे और थोड़ी देर में ही थक कर बैठ जाए।

वॉक करते समय किसी प्रकार का मानसिक तनाव न रखें। वॉक करते समय हल्की गहरी सांस लेने की आदत डालें और पॉजिटिव बातें सोचे। और जरूरी ना हो तो वॉक के वक्त मोबाईल ऑफ रखें।

शरीर का तापमान नॉर्मल रखने के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए, इसलिए वॉक पर जाने से पहले और बाद में एक गिलास पानी अवश्य पिएं।








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"इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। इस सामग्री का उद्देश्य पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है।

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